रथ यात्रा
आषाढ़ मास के सुक्ल पक्ष द्वितीया को जगन्नाथ पूरी में यह रथ महोत्सव होता है | इस रथ यात्रा में जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का रथ सम्मिलित होता है | जगन्नाथ जी का रथ ४५ फुट ऊँचा और ३५ फुट चौड़ा होता है | बलभद्र जी का रथ ४४ फुट और सुभद्रा का रथ ४३ फुट ऊँचा होता है | जगन्नाथजी के रथ में १६ पहिये तथा बलभद्र और सुभद्रा के रथ में १२-१२ पहिये होते है | ये रथ हर साल नए बनाये जाते है | इन राठो को प्राय: ४५०० मनुष्य खींचते है | मंदिर के सिंह द्वार पर बैठकर भगवान जनकपुरी की रथ यात्रा करते है | जनकपुरी पहुंचकर ३ दिन भगवान वहा निवाश करते है | वहा उनकी भेंटे लक्ष्मी जी से होती है | इसके बाद भगवान पुन: जगन्नाथ लौट आते है |
इस रथ यात्रा को देखने के लिए देश और विदेश के कोने - कोने से लाखो यात्री आते है | इस मंदिर की मुर्तिया साल में सिर्फ एक बार इस दिन मंदिर से बाहर निकली जाती है |
No comments:
Post a Comment